बड़ी मायुश सी रहती है मेरी ज़िंदगी आजकल मुझसे
कहती है परेशान हो चुकी हूँ तुझे सवांरते - सवांरते
तेरी खामियों को नजरअंदाज करते करते
नादान है मुझसे शिकायत कर लेती है,
क्या बताऊँ उसे के कुछ उलझा सा हूँ मैं भी
उसकी परेशानियों को सुलझाते - सुलझाते,
अधूरा सा रह गया हूँ मैं भी,
उसकी ख्याइशों को पूरा करते करते I
चाहती है वो के मैं चलूँ उसके बनाये रास्ते पर
वो रास्ते जो उसे उस तक ले जाती है,
जो थोड़ा समझ पाए वो कि, रास्ते ये उसके बनाये
मुझे खुद से दूर ले जाती है I
मर्जी नहीं मेरी, तौर - तरीके मैं उसके निभा रहा हूँ
तुमसे मिलते- मिलते ऐ ज़िंदगी, एक अरसा बीत चूका
खुद से खुद का हाल भी नहीं पूछ पाया हूँ I
अरमान ये तुम्हारे, बोझ उसका मैं ढो रहा हूँ
निराश हो तुम फिर भी, पूछते हो मुझे
मैं तेरे लिए कर ही क्या पाया हूँ I
काश के तुम समझ पाओ कभी,
मैं हताश हूँ तुमसे, तुम निराश हो मुझसे
परेशान हम दोनों है एक दूसरे से,
थोड़ा समझ है नादान, के शिकायत करने का हक़ पूरा तुझे ही दे रखा है
हाँ कसूर है मेरा के मैं तेरे मापदंडों पर, खड़ा नहीं उतर पाता हूँ
पर क्या ऐ ज़िंदगी तुझे तोड़ी भी परवाह है,
के मैं तुझेसे क्या चाहता हूँ I
कितना सच ये कि,
ये जो मैं हूँ, मेरा वजूद
वो है ?,
या है भी के नहीं I
जो दिखता है आईने में हू ब हू मेरे जैसा,
छाया है मेरी
या आईने के अंदर मैं हूँ ?
ये दुनियां जो दिखती है इन नजरों से,
वो है यहाँ ?,
या प्रतिछाया है बस मेरे मन की
क्यों कैद है ये दुनिया,
चारदीवारी जब दिखती नहीं I
जो दिखती है ये नजरें, क्यों अक्सर ये सच नहीं यहाँ
क्यों झूठलाती है ये नजरें, जो वाकई सच है यहाँ
एहसास क्यों नहीं सच का इस दुनियां को, क्यों भ्रमित है सब यहाँ
सिर यहाँ क्यों झुके हुए है, जब बोझ नहीं है सिर पर
एहसास जिनसे छल रहे है खुद को, वो झूठ है इस दुनियाँ का
एहसास जिनका ये सच मानते है, उनमे सच्चाई कितनी है ?
रिश्तों की कमी नहीं यहाँ, पर उनमे गहराई कितनी है?
कितनी सच है ये दुनियां और कितनी नहीं,
मैं अभी हूँ भी यहाँ, के कभी था भी या नहीं I
ऐ ज़िंदगी तू साथ चल मेरे,
अब कहानी नई लिखते है I
छोड़ अब किसी के आने की उम्मीद,
अब तलाश खुद की करते है I
काफी वक्त गुजार दी हमने एक दूसरे के नफ़रत में,
आ अब शुरुआत नई करते है
बचे कुछ पल जो है तेरे मेरे साथ के,
आ गुजार लें एक दूसरे के प्यार में I
हाँ मालुम है के कुछ शिकायतें थी तुझे रवैये से,
पर निराश तो तुमने भी कई बार मुझे किया ही था
आ चल ख़त्म करें अब अपनी नोक -झोंक,
एक दूसरे को अपना लें अब I
बची जो थोड़ी स्याही है हमारे कलम में,
आ साथ मेरे अब कहानी नई लिखते हैं I
थोड़ी सी समझदारी और थोड़ा समझौता,
आ अब पुरानी कलम से जज्बात नई लिखते हैं
ऐ ज़िन्दगी तू साथ चल मेरे अब कहानी नई लिखते हैं I
जो शब्दों में अगर मैं बयां कर पाऊं चाहत कभी
हर यादें वो तुमसे जुड़ी,
हर वो बात उन यादों से जुड़ी
उन यादों से, तेरी बातों से
जुड़ा हुआ हूँ मैं अब भी
जो लिख पाऊं मैं उन जज्बातों को,
शब्द बनकर
दिल की कलम में अब इतनी ताकत नहीं I
कोशिश जारी है मेरी, वो मकसद समझने की
जो ज़िंदगी सिखलाना चाहती थी मुझे,
शिकायत तुमसे नहीं, तुम तो एक जरिया बनी
जाने क्या सिखला कर गई हो तुम,
तुमसे नहीं, गर ज़िंदगी मिले तो पूछूँ कभी
ग़मों के ढेर में एक नाम तुम्हारा भी जुड़ा है बस
ऐ ज़िंदगी क्या बस इतनी ही थी चाहत तेरी I
नाउम्मीदी भरी ही सही, दिल में है मगर एक चाहत अभी भी
जो थोड़ी हो आहट तेरे आने की कोई,
नासमझी है मेरी, मगर देती है मुझे ये राहत थोड़ी
सबक का जरिया बना कर भेजा था जिसे ज़िंदगी ने
जो लौट आये मुझमे मेरा हिस्सा बन कर कभी,
देखे वो यादों का कमरा, जो अब तक सजा कर रखा है मैंने
उसकी यादों से जुड़ी, हर बाद उन यादों से जुड़ी
जो शब्दों में अगर मैं बयां कर पाऊं चाहत कभी I
खुशी और गम के मायने एक हो गए,
तुम्हारे साथ तुम्हारे बाद दोनों के मायने एक हो गए,
महफिल और सड़क के मायने एक हो गए,
हम अपने आप से मिल गए ज़िंदगी के मायने एक हो गए।
हर दर्द को लिख दूं इतनी हिम्मत नहीं,
आपको अपने साथ लिख दूं इतनी हिम्मत नहीं,
आपको किसी और के साथ देख लू इतनी हिम्मत नहीं,
अपनी ज़िंदगी किसी और के नाम लिख दूं इतनी हिम्मत नहीं,
बदनाम तो हम भी हैं लेकिन बदनामी की वजह लिख दूं इतनी हिम्मत नहीं।
मैं ना जाने किस इंसान की इंतज़ार में बैठा रहा,
जो हमारे शब्द नहीं समझते थे मैं उनकी जज़्बात समझता रहा,
दूर तो वह हमसे कई कुछ साल पहले ही चले गए थे,
दूर तो वह हमसे कई साल पहले ही चले गए थे,
वह हमारे साथ रहते थे मैं उसे साथ समझता रहा,
बेवजह ही मैं उसके नाम के पीछे अपना नाम लिखता रहा।
खुद ही खुद का गुनहगार बन कर बैठा है,
ना जाने क्यों किसी और के ऊपर ऐतबार करके बैठा है,
चंद रुपयों की नौकरी के लिए ना जाने क्यों अपनी ज़िंदगी किसी और के नाम करके बैठा है,
दुनिया को दिखा रहा है या खुद को झूठी तसल्ली दे रहा है,
दुनिया को दिखा रहा है या खुद को झूठी तसल्ली दे रहा है,
दिन के दिखावो के चलते रात का सुकून बेचकर बैठा है।
तुम वो एहसास हो,
है तो वो भी पानी ही मगर
सुबह घास पर पड़ी मिली,
ओस की बूँदों सी खास हो।
तुम वो एहसास हो,
है तो वो भी शोर ही मगर
बहती हवा संग सुर मिलाती,
पत्तियों की सरसराहट सी खास हो।
तुम वो एहसास हो,
है तो वो भी शब्द ही मगर
निःशब्द संगीत को आवाज देती,
सुरमयी अल्फाजों सी खास हो।
तुम वो एहसास हो,
समझ तुम पाती तभी
जो होता ये दिल मेरा,
अगर तुम्हारे पास तो।
तुम वो एहसास हो...
तमाम एहसासों में खास हो।
आईना देखकर समझने की कोशिश कर रही हूँ,
आज मैं खुद को पहचानने की कोशिश कर रही हूँ।
ज़िंदगी यूं कांच की तरह तोड़कर तबाह कर ली,
आज टूटे हुए टुकड़ों को संभालने की कोशिश कर रही हूँ।
दो शकलें दिखती हैं यहाँ हर शख्स में,
आज परिवार से दोनों को जानने की कोशिश कर रही हूँ।
क्यों कोई सौदा किए बिना हाथ नहीं मिलता,
आज मैं उस नजरिए को समझने की कोशिश कर रही हूँ।
आईना देखकर समझने की कोशिश कर रही हूँ।
ज़िंदगी की कहानी में, हर पल नया मोड़ है,
सुनहरी सुबह, रंगीन शाम, हर दिन एक खुशी की कोड़ है।
सपनों का आँगन बहुत है बड़ा, मन की गलियों में,
मुस्कान की छाँव, खुशियों का रंग, एक नया जीवन की कहानी है।
हर पल का आँचल छाया है, रंग भरा है जीवन में,
बिना खुशियों के जीना, क्या जीना, हर खुशी का इज्ज़ाज़ है।
चलते रहो, मदहोश रहो, ज़िन्दगी की बहारों में,
हर पल की तरह मीठी, हर सांस में हर ख़ुशबू की ख़बर है।
जीवन की लहरों में तैरना, मन की उमंगों को पाना,
सपनों के संग संग चलना, हर मुश्किल को आसान पाना।
आगे बढ़ो, दूर नहीं है ख्वाबों का दरिया,
ज़िन्दगी की कविता लिखते रहो, हर दिन नए ख़ुशी के संग जीना।
ज़िंदगी की राहों में जैसे गीत हैं बहार,
हर दिन नए सपनों की छाँव, हर रोज़ एक नया नज़ार।
रंगीन ख्वाबों की चादर ओढ़, आसमान से लहराती है,
जीवन की मिठास को चाख, हर रोज़ एक नयी खुशबू लहराती है।
सूरज की किरनों में छुपी खुशियाँ बिखरती हैं,
हर रोज़ नई उम्मीदों का सफर, नए आसमानों की पहचान।
जीवन की मीठी बातें, खुशियों का नया संगम,
हर दिन नए सपनों का सफर, खुद को खोजने का आदम।
हर रोज़ एक नयी दास्तान, ज़िंदगी का हर पल नया मेल,
हर रोज़ नई खुशियों की खोज, नए ख्वाबों का एक नया मेल।
चलते रहो, मुस्कान संग, खुशियों की बौछार,
जीवन की कविता लिखते रहो, हर पल नए स्वप्नों का अध्ययन।
प्यार की कहानी, अनगिनत खुशियों की राह,
हर दिल में बसी एक खास मिठास, प्यार की बातें ही हैं बहार।
दिल की गहराइयों में छुपी बातें, नज़रों की मीठी बातें,
प्यार का एक ख़ास रंग है, हर दिल की दास्तान में छुपी हुई एक जवानी है।
मिलन की ख़ुशी, बिछड़ने का ग़म, प्यार की राहों में बसी हर साँस,
दिल की हर धड़कन, प्यार की कहानी का एक अहम हिस्सा है।
दिल की बातें, मीठी बातें, प्यार का संगीत हर पल गाता है,
प्यार की कहानी, एक नई ज़िन्दगी, दिल की हर धड़कन के साथ बजता है।
प्यार की कहानी, एक रंगीन ख्वाब, हर रोज़ एक नया ख़याल,
दिल की हर बात, प्यार की मिठास, हर पल मीठी मीठी खुशबू लहराता है।
प्यार की धड़कन, दिल की राह, हर पल बजता है प्यार का गीत,
प्यार की कहानी, खुशियों की बहार, दिल की हर धड़कन की आवाज़ है।