
"आप उदास अक्सर तभी होते है जब आपकी खुशियां किसी और के मौजूदगी की मोहताज होती है I"
"आप उदास अक्सर तभी होते है जब आपकी खुशियां किसी और के मौजूदगी की मोहताज होती है I"
"खुशियां बेवजह हो सकती है, पर उदासी कभी भी किसी वजह की नहीं होती है I"
"आप अपने उदास होने का सही कारण ढूंढ ले अगर, तो फिर उदासी किस बात की रहेगी I"
New Daily Quotes
"किसी चीज की कमी को उदासी नहीं, बल्कि ज़रुरत और जुनून बनाइये उस चीज को पाने में I"
"उदासी से घबराने के बजाय, उस से जूझ कर ही उससे बाहर निकला जा सकता है I"
"खुशियों और उदासी में फर्क केवल वाजिब वजह का ही होता है I"
"कभी भी अपनी उदासी को सहज ही प्रकट ना करें, इससे आपकी उदासी और मजबूत होती है I"
"किसी से किसी प्रकार की आकांक्षा से ही उदासी पनाह पाती है, औरों से आकांक्षाएँ कम रखें तो उदासी भी कम रहेगी I"
"आप कैसे जानते है की आप उदास है ? , लोगों से नहीं अपनी जरूरतों से पूछिए I"
"उदासी में भी उम्मीद ना खोयें, क्योंकि आपकी उदासी के कारण ही कोई ना पूरी हुई उम्मीद होती है I"
"कुछ खोने के दर्द से " आह " और कुछ पाने की " चाह " में ही उदासी निहित होती है I"
"खुद के प्रति ईमानदार व्यक्ति ही अपनी उदासी का सही - सही कारण जान सकता है I"
"आपके पूरे जीवन में ख़ुशी और उदासी की प्रतियोगिता चलती रहेगी, आप चुनाव करें की आप किस के पक्ष में रहेंगे I"
"फर्क इससे पड़ता है की आप संतुष्ट कितने है, वर्ना आपकी जीत हर बार आपके खुश रहने का दायित्व नहीं कह सकती I"
"हुई हार के बाद उदासी से घिर जाने के बजाय फिर से प्रत्यन कर, जीत की उम्मीद से बांधिए I"
"कभी - कभी हकीकत या उदासी जब जानलेवा हो जाए तो जिन्दा रहने के लिए झूठी उम्मीदों रखने में कोई बुराई नहीं है I"
"जान ही निकल दे, किस काम की ऐसी हकीकत भला, ज़िंदा रखें जो ख्याल, फिर बुरा क्या है देखने में I"
"ख़ुशी और उदासी में बीच की ये ज़िंदगी, उम्मीद नाम की सीढ़ी पर चढ़ती - फिसलती रहती है I"
"कभी भी ख़ुशी या उदासी में किसी को भी सर पर ना नाचने दें, आपको ज़िंदगी इन दोनों से ही बड़ी है I"
"आपको उदास होने पर ही सही - सही आभास (एहसास) हो पायेगा की खुशियों का वास्तविक स्वरूप क्या है I"
"जो खुश है उदास भी वही हो सकता है, पर संतुष्ट है वह कभी उदास नहीं होता है I"
"उनसे बिछड़ते ही हमारी ज़िंदगी कांच के टुकड़ों की तरह बिखर गई।"
"उनसे बिछड़ के भी हमने उनसे ही प्यार किया।"
"तुम्हारे अलावा किसी और के साथ वक्त काट नहीं सकता, लगता है अब ये दर्द किसी और के साथ बाँट नहीं सकता।"
"उदास है कोई बात नहीं, अपने आप के साथ है ना, कोई बात नहीं।"
"हारा हुआ हूँ, बस हालातों से अपने आप से नहीं।"
"कैसे शुक्रिया अदा करूं मैं उनका, वो मुझ से दूर क्या हुई, मैं अपने आप के बहुत पास हो गया।"
"आज हम से कोई भी बात नहीं करते, एक वक्त आएगा जब वो हमसे मिलने का फ़रियाद करेंगे।"
"जिन्हें मोहब्बत में ठोकर लगती है, उनके अल्फाजों में जज़्बात छलकने लगता है।"
"ज़िंदगी की दौर में इतना भूखा था की कुछ नहीं मिला तो धोखा ही खा लिया।"
"इश्क़ में इतना दर्द मिला, की हमें लगा की हमने किसी से इश्क़ नहीं, बल्कि किसी का कत्ल किया हो।"
"इश्क़ में हम कुछ इस तरह लूट गये, मानो जैसे किसी के हाथों कत्ल हो गये।"
"उनसे बिछड़ के हमें सुकून मिला, नहीं तो मानो जैसे बर्दास्त की सारी हदें पार कर दी हो I "
"अगर ज़िंदगी को गुलाब की तरह बनाना है, तो काँटों से दोस्ती करने में ही फायदा है।"
"वो हम से दूर है, पर लोग आज भी उन्हें हमारे मोहब्बत के नाम से जानते है।"
"बहुत खुश रहने की कोशिश करता हूँ, लेकिन जब भी उनकी याद आती है, मुझे बहुत रुला जाती है।"
"आजकल हम ज़िंदगी के मज़े लेते है, वक्त तो ऐसे भी हमारे मज़े लेता ही रहता है।"
"ज़िंदगी की ज़मीं पर नमी सी है, मेरे घर में अपनों की कमी से ही।"
"जो अकेले जी सकते है, शायद उनके लिए ही मोहब्बत बनी है।"
"मैंने उनकी जितनी परवाह की, वो उतना ही बेपरवाह हो कर हमारे साथ रहे।"
उदास मैं अपने आप से हूँ गैरों की अब हमें परवाह नहीं।
खामोशी और उदासी का कारण पूछती है, सब कुछ जानते हुए भी मज़ाक क्यों बनाते हो।
लगता है ये चाँद सितारे भी हम से खफा हो गए है, जब से वो हम से खफा हो गए है।
कुछ कमी लगती है, अब बेमतलब सी ये जमीं लगती है।
आजकल मेरी बिस्तर सो जाती है, मुझे सुलाते सुलाते।
कभी इत्मीनान से बताएंगे जज़्बात अपने, आज आप थोड़े जल्दी में लगते है।
इश्क़ में सबूत की जरूरत उन्हें होती, जिनकी आँखें गवाही नहीं दे पाती है।
हमें लगता था की बहुत पास है हम उनके। उनसे दूर हो गए, उनको भनक तक नहीं लगी।
काफी गहरे है उनके ज़ख्म, उनकी हसीं से पता चलता है।
तुम्हें पाने को मैं, पूरी दुनिया से हारने के लिए तैयार हूँ।
औरों का छोड़ो, मैं आजकल अपने आप से भी पूछ के मिलता हूँ।
खूबसूरत तो तुम बहुत हो, कभी हमारी निगाहों से खुद को देख कर देखो।
हम आजकल उन्हें नहीं जानते, जो जान ने लायक नहीं है।
तुम में और मुझ में बस इतना ही अंतर है, की तुम सब कहती हो, समझती नहीं हो। मैं हर बात समझता हूँ, कहता नहीं हूँ।
उनसे क्या मतलब रखना, जो हर बात पर अपना मतलब देखते है।