"मत कर घमंड इतना अपने हसीन चहरे पर, ये खूबसूरती बस पल दो पल के लिए है।"
"मत कर घमंड इतना अपने हसीन चहरे पर, ये खूबसूरती बस पल दो पल के लिए है।"
"घमंड करना बेवकूफ होने की सबसे बड़ी पहचान है।"
"घमंडी इंसान भ्रम में ही अपनी ज़िंदगी बीतता है।"
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"अभिमानी बनिए, घमंडी नहीं।"
"घमंड का ज्ञान होना, सबसे बड़ा आत्म ज्ञान होता है।"
"घमंड में इंसान अक्सर ही सही - गलत का फर्क करना भूल जाता है।"
"इंसान के पास दिमांग जितना काम होता है घमंड उतना ही ज्यादा होता है।"
"घमंड करने से संकल्प शक्ति कम हो जाती है।"
"शिक्षा का सम्पूर्ण आधार ही घमंड की समाप्ति और स्वाभिमान का विकसित होना है।"
"सच्चा ज्ञान वही है जो स्वाभिमान और घमंड में अंतर करना सिखाये।"
"घमंडी होने और स्वाभिमानी होने में बहुत-थोड़ा अंतर होता है।"
"घमंड में अक्सर ही इंसान अपनी औकात भूल जाता है।"
"सफल इंसान अपनी कामयाबी पर कभी घमंड नहीं करता है।"
"घमंड क्षण भर के लिए होता है, कब हट जाए पता नहीं।"
"अकसर व्यक्ति खुद भी अंदाज़ा नहीं लगा पाता है की उसके अंदर अब घमंड आ चूका है।"
घमंड किस बात का है, इक दिन ये सब मिट्टी में मिल जाना है।
लोगों को घमंड करने दो, बस तुम स्वाभिमान ऊंचा रखना।
जिसे लोग घमंड समझते हैं, उन्हे हम अपनी अकड़ कहते हैं।
तुम्हारे बस की बात नहीं है हमे समझ पाना, तुम टूटके बिखर जाओगे हमे समझने में।
जो लोग मिले है वो गैर हैं, सब पर घमंड के पहरे है।
बहुत सारे अवगुण जो व्यक्ति में नहीं होने चाहिए, उसमें से एक है घमंड।
घमंड इंसान के स्तर को नीचे गिराता है।
अपनी सफलता पर गर्व महसूस करें, घमंड नहीं।
ओछेपन की पहली निशानी है घमंडी होना।
घमंड चाहें जितने दिन रहा जाए, एक ना एक दिन चकनाचूर होना ही है।
उसे घमण्ड था के वो इश्क में नहीं है, मैने उसकी ये गलतफ़हमी भी दूर कर दी।
क्यों करती है दुनिया घमंड सूरत पे जब कि सारा कुसूर तो सीरत का है।
उसने कहा आपमे क्या हुनर है, मैने कहा घमंड तोड़ने का।
इतना क्यों इतराते हो बुलन्दियो पर पहुंच कर, तुम अकेले थोड़ी हो, आज आपका वक्त है कल हमारा भी होगा।
ये रात भी गुजर जाएगी, इस रात की महफ़िल का घमंड मत् करना।
हद तो तब हो गई जब वो घमंड में आगे बढ़ गई।
मैं उसके प्यार में पागल होता रहा, और मैं उसका प्यार था उसे इसका घमंड होता रहा।
इतने अच्छे अच्छे विचार हैं इस जग में उन सबको धारण करो, क्या रखा है इस घमंड में?
उसकी नज़रे झुकी थी पर उसकी सादगी में गुरूर पूरा था।
जो तूने कहा उसे मैं सिर झुका कर मान लेता, बस ये घमंड में नहीं हसकर कहा होता।
हर रोज़ मुझे नया कहते हो और खुद घमंड में रहते हो।
अब यह दुनिया मुझे प्यारी लगने लगी है, अपने तो अब अकड़ में रहने लगे हैं।
यह जगह की सारी रूपरंगिनियों में बस एक तुम्हारे घमंड को छोड़ दूं तो।
सुना है कि अब आपके पास सब कुछ है और उसके साथ घमंड भी है।
जितना गरौर करोगे अपने धन-दौलत पर, उतना ही नीचे गिरोगे, अब सोच लो, गिरना है या उठना है।