"अल्फ़ाज़ ऐसे जो दिलों में आशियाँ बना ले, वही शायरी है।"
"अल्फ़ाज़ ऐसे जो दिलों में आशियाँ बना ले, वही शायरी है।"
"हमे वो प्यार के नशे में धुन करते चले गए, हम उनमे गुम होते चले गए और वो हमे गुम करके चले गए।"
"अपने जज़्बात को अल्फ़ाज़ में तब्दील करना ही शायरी है।"
New Daily Quotes
"शायरी लिखना उन्होंने शुरू किया, हमें तो कविताओं का शौक था। कलाकार वो खुद को कहते थे, हमे तो उनकी कलाओं का शौक था।"
"खुद से गुफ्तगू अक्सर शायर ही करते हैं।"
"वो ग़ज़ल लिखते है और हम सुनते है। वो सबपे लिखते है और हम नासमझ खुद पे समझते है।"
"जो लिखते है वो कवि बनते हैं, आप जो सोचते है वही बनते हैं।"
"कुछ खास जादू नहीं है शायरों के पास, बस बातें दिल से निकलती हैं और दिल तक पहुँचती हैं।"
"किसी के हाथों की कठपुतली बनने से अच्छा है, कि छोटा ही सही अपना किरदार खुद बना।"
"तू जो पास थी, तो तेरी कद्र जरा कम थी। मेरी गलतियों का पता कैसे चलता मुझे, तूने कभी शिकायत ही नहीं की।"
"कठपुतली बेजुबान ही सही लेकिन उसके किरदारों को पूरी दुनिया महसूस करती है।"
"खुद को खुद के बारे में थोड़ा बता दो ना, अब आप भी आपने ज़िंदगी का फैसला लेना शुरू कर दो ना।"
"कहानी अच्छी हो या बुरी, किरदार तुम्हारा सब का दिल जीत लेना चाहिए।"
"जैसे फूलों को धागे में पिरो कर माला बनती है, वैसे ही शब्दों को अहसासों में पिरों कर कविता बनती है, ठीक वैसे ही सपनों को मेहनत में पिरो कर कामयाबी मिलती है।"
"किसी की अदा को अपने अंदाज में बयां करना ही शायरी है।"
"दुनिया के रंगमंच पर ऐसा किरदार बन कि दुनिया बेबाक हो जाय।"
"दिल का दर्द छुपाए बैठे है, हम उनके सामने मुस्कुराये बैठे है।"
"तुझ पर निर्भर करता है कि तू अपने अंदर की कठपुतली को क्या किरदार बनाता है।"
"अपने मन को अपनी कठपुतली बना, दुनिया की हर सफलता तेरे क़दमों में होगी।"
"मेहनत के रंग से तू नई तस्वीर बना अपने गलती से सीख और कुछ अलग बना।"
"मेहनत का ऐसा रंग चढ़ा अपने ऊपर की, लाख मुसीबतो में भी फीका ना हो।"
"हर सपने में रंग भरता है, मेहनत कर के तो देख।"
"मेहनत के रंग में इस कदर लाल हो जाओ, की बाद में कोई मलाल ना रह जाय।"
"मेहनत के रंग में रंग जा कुछ इस तरह की सफलता तेरे नाम हो जाय।"
"कोई तो नया रंग भर, एक उमंग तो भर, कुछ नया तो कर।"
"मेहनत के रंग में जो रंगते है यही सफलता से रंगीन होते है।"
"ज़िंदगी में कई रंग है, अपने पसंद की रंग को अपना किरदार बना ले।"
"सफलता के रंग में कुछ इस तरह रंग की तुम्हारी दुनियां रंगीन हो जाय।"
"अपने अंदर के कठपुतली को अपने हिसाब से नचा, किसी और के हिसाब से नहीं।"
"तुम्हारी कठपुतली वैसा ही प्रदर्शन करेगी जैसा तुम चाहोगे।"
आसान है तेरे बगैर जीना पर मन है के तेरे बगैर मानता हि नहीं।
तूफ़ानो की औकात नहीं नापते, वरना उसमे तबाह होने में वक्त नहीं लगता।
आज कल ख्वाब थोड़े अधूरे से चल रहे हैं, पर जब पूरे होंगे तो आतिशबाजी होगी।
मैं तुझसे खफ़ा नहीं बस तेरे ख़्याल मै हूँ।
आज कल फ़िर तुझसे मिलने का इरादा नहीं हो रहा, अब तुझे खुश रखने का ठान जो रखा है।
क्या है तेरा मुझसे नाता ये कैसे पता चलेगा और तुझसे क्या है मेरा रिश्ता ये मुझे पता नहीं चला।
लोग कहते हैं तुझसे मेरा रिश्ता क्या है, मैं कहता हूँ वैसा जो है तुम्हारे समझ के बाहर।
तेरे मासूमियत का एक तगाज़ा ये है कि, तू दूर रहकर भी मेरे करीब है।
जाने क्यों खोए से लगते हो तुम, अब मेरे बिना भी सुकून नहीं।
सारे ख्वाब अब चूर चूर हो गए पर आस अभी छोड़ी नहीं है मैने।
अभिमान किस बात का जब तुम ज्ञानी हो, और नफरत किस बात का जब तुम प्रेमी हो।
ये दुनिया का कुसूर है जो मुझे तुझसे जुदा किए जा रही है, वरना मैं तो तेरी मंज़िल का सौदागर था।
कितने सुलझे हुए हो, मेरे गुस्से का जवाब हमेशा मौन रहकर देते हो।
तुझसे दूर जाने का इरादा कर लिया है मैने, अभी तक प्यार था अब नफ़रत अज़माने कि सोच ली है मैने।
जा रही है ए ज़िन्दगी तू मुझसे दूर, तुझे मेरी याद नहीं आती क्या, मेरी तरह तेरी आंख नहीं भर आती।
ख्वाहिशे पूरी हुई हालात सुधर गए, हम सफ़ल जैसे ही हुए लोग बदल गए।
इतने खामोश रहते हो कुछ कहते भी नहीं, रोते हो अंदर ही अंदर और बताते भी नहीं।
महान बनना चाहते हो तो अच्छे कर्म करना शुरू करो।
अपने साहस को ताकत समझ रण में जो तुम आए हो इसे व्यर्थ मत जाने देना।
लोग यूही मुझसे खफ़ा रहते हैं, मेरा इसमे कोई कूसूर नहीं, वो मेरी उंचाई से डरते हैं।
दिल मेरा है कि मानता नहीं तेरे बिना अब जी लगता नहीं।
सादे पन्ने जैसा है तेरा दिल, इसपे कोई भी लिख के चला जाता है।
हज़ारों रंग हैं दुनिया में लोगों के, उनमे तेरा कौन सा पता नहीं, काश फीका न निकले।
अनर्थ हो जाते हैं हर जवाब मेरे एक तेरे सोचने भर से।
वो सबको अपना दोस्त कहता था और असल में उसका कोई दोस्त नहीं था।
जो हौंसले के तीर तुमने तरकश में सजाये, उन्हें अपनी मेहनत के धनुष से चलाकर धनुर्धर बनो।
किसी के हाथों की कठपुतली बन कर मत नाच, कुछ ऐसा कर की दुनिया तुम्हारे इशारों पर नाचे।
दिल से निकले हुए लफ्ज़ हमेशा असर लाते हैं, जैसे कि ईमानदारी से किया हुआ काम।
जिस भी किरदार में तू कठपुतली बने, उस रंगमंच की शान बढ़ जाए, कर तो कुछ ऐसा कर!
लोगों को शायद यकीं ना हो, पर हमारे दिल एक साथ ही धड़कते है।
तुझे बाँहों में भर कर यूँ लगता है मानों, पूरी दुनिया की दौलत मेरे बाहों में समा गई हो।
मेरा इश्क़ खुदा सब तुम्ही हो, तेरे बिना मैं कुछ भी नहीं।
ज़िंदगी में जब से तेरा साथ मिला है, खुदा कसम ये सफर बहुत हसीं हो गया है।
यूँ तो मैं ज़िंदा था तुमसे मिलने से पहले भी, पर जीने का मकसद तो तुमसे मिला है।
मेहरबान था खुदा के तू मुझे मिला, पता चला के मैं कितना खुशनसीब हूँ।
तुझे पाकर आरज़ू सारी पूरी हो गई, अब सजदे में क्या मांगू खुदा से।
सुनो तुम्हें पता तो है ना, तुम्हारे बिना मैं कितना अधूरा हूँ।
कोई गलती हो तो मुझे शिकवा कर लेना, पर कभी मुझसे मुंह मत मोड़ना।
कभी कभी सोचता हूँ कैसी होती मेरी ज़िंदगी तुम्हारे बगैर।
है साथ हमारा इस जनम तक का ही नहीं, मिलूंगा मैं तुम्हें इस दुनिया के पार भी।
जो अब तुम साथ हो तो डर लगता है कि हमें किसी की नज़र ना लग जाय।
मैं जितना भी तुमसे दूर रहता हूँ, तुम्हारी कसम तुम्हारे ही ख्याल में मशगूल रहता हूँ।
लोग जलते है मुझसे, तुम्हारे साथ देख कर।
अब इश्क़ के अलावा कोई काम नहीं सूझता, एक तुम हो और बस मैं हूँ।
शुक्रगुज़ार हूँ मैं तुम्हारा के तुमने ये ज़िंदगी बिताने के लिए मेरा साथ चुना।
हर सुबह हर शाम नई सी लगती है, तेरे संग हर रात सुकून से कटती है।
मैं कितना भी खुद को रोकूं, मुझे हर रोज़ तुझसे इश्क़ हो ही जाती है।
तू मेरा आधा हिस्सा नहीं, पूरा का पूरा दिल है।
मालूम है मुझे के कई कमियां है मुझमें, पर तुमने मुझे मेरी कमियों के साथ भी अपनाया।
एक बात कहूं, तुम मुझे आज भी कोई हसीं सपना ही लगती हो।
आज उसने पूछा के मैं तुम्हारे लिए क्या हूँ, मैंने कहा तुम मेरी अँधेरी रातों की चाँद हो।
डरता हूँ कहीं तुम्हें अपनी गलतियों की वजह से खो ना दूँ।
तारीफ में तेरी अब क्या कहूं, जो भी है मेरी आँखों में पढ़ लो।
ज़िंदगी के इस कठिन सफर में किसी का साथ मिला, शुक्रगुजार हूँ उस रब का का आप के जैसा हमसफ़र मिला।
दोस्ती क्या है पता नहीं पर जो भी है खूबसूरत बहुत है।
नज़र बन्द करके चल रहा था राहो में मै, ठोकर लगी तो समझ आया कि नज़रे हि अंधेरे में थी।
अंधकार है तो उजाला भी आएगा, तेरे रास्ते का किनारा भी जरुर आयेगा।
तुझसे नजरें मिलाउं या चुराउं, अबये दिल बयां नहीं करता, अब तेरी जुदाई ये दिल सहा नहीं करता।
छोड़ आते हो मझधार में नौका, मुझको डूबाना है क्या? और कहते थे मोहब्बत बहुत है, अब नफ़रत का इरादा है क्या?
नयन इन राहों पर बिछाए बैठे हैं, तेरे कदमों के साए में ये मन छिप जाने को तरसे है।
सुन रहा है सब ये जहाँ दास्तां अब मेरी ,इनायत तेरी करते करते थक गया हूँ मैं।
मेरे होंठों कि प्यास बुझती नहीं, कितने समन्दर पी चुका हूँ मैं फ़िर भी ये दर्द कम होता नहीं।
जाम होटों पे रखकर एक शाम तुझे याद कर रहा था मैं, दिल टूट गया फ़िर भी तुझे याद कर रहा था मैं।
ये आग कि लिपटें, ये धुआं और धुएँ से बना काजल सब अनायास लगते हैं, मुझे जो कभी उसके सजावट का समान होते थे।
वो जश्न मना रहे थे मेरे जश्न में न होने के, मैं मुस्कुरा रहा था उनकी नादानी पे।
के जलती दीपक कि बाती बन, तुझमे उजियारा कर जाओ, और समाकर मन में मेरे अब तुम मेरी बन जाओ।
गगन में पक्षी उड़ते हैं जब मन में उमंग होता है, और जग सूना सा लगता है जब मन में पीडा सा उठता है।
लेखन वह ताकत है जिससे आप बिना रुकावट के बोल सकते हैं।
होशियार तुम हो या मैं, ये वक्त बतायेगा, क्यों कि वक्त सच बताता है।
प्यार वो नाव है जिसे मझधार भी मंज़िल तक पहुँचा दे, और नफ़रत ऐसी नाव है जिसे शान्त धारा भी तोड़ दे।
अब जो हो चुका उसे छोड़ के बैठो, अभी ज़िंदगी में कई ईम्तिहान बाकी है।
इश्क़ वाले इश्क़ का मज़ा ले रहे थे, हम इश्क़ के रास्ते पर इश्क़ का मज़ा ले रहे थे।
नाही कोई चाहत है नाही कोई तमन्ना, बस इजाज़त तुझसे चाहिये।
पर्वत नदियाँ बहुत सी देखी, सब में सुख था। तेरे जैसे कई चेहरे देखे, जग में न देखा कोई मुखड़ा तेरे जैसा।
पलकें तेरी सूनी लग रही, आज आँखो में काजल नहीं, सब ठीक है ना, मेरे रूठने का ग़म तो नहीं।
लाख दुआयें मांगी फ़िर भी तेरे जैसा कोई नहीं, पर्वत घूमा अम्बर चूमा पर तुझ जैसा कोई मिला नहीं।
नाराज़गी सी बन गयी है ज़िंदगी की डोर, मेरी तो नहीं रही किसी और की हो गयी है ये डोर।
डर लगता है 'डर' के होने से ये 'डर' है जो मुझे निडर नहीं होने दे रहा।
हर जगह ख्वाबो का दस्तक है, जीवन में कहिं और कोई ख्याल नहीं, एक कारवाँ बुन रहा हूं मैं, अब जिसका कोई छोर नहीं
आगाज़ कर ली है मुकाम तक ले जाएंगे, ये नफ़रतो का दौर दूर तक ले जाएंगे।
ज़हनसीब तेरे करीब आ रहा हूँ मैं, अब तक मुसाफ़िर था अब तेरा हो रहा हूँ मैं।
आशिकी का सिलसिला एक ख्वाब तक पहुंच रहा मैं, दूर तुझसे होके भी तुझ तक पहुँच रहा।
हरगिज़ तेरे प्यार के शिकार न होंगे बनेंगे, तेरे और फ़िर तेरे ना रहेंगे।
शमा तुझसे पूंछेगा तेरे इतिहास कि कहानी, तू बन जा धूप मेरी मै बनूं तेरी परछाई।
के अकसर ही टूट जाते हैं हम, पत्थर से ठोकर खा कर गिर जाते हैं हम।
कुछ जीवन का सार हो जाए और बचा हुआ मेरा प्यार हो जाए, तू हो तो ये जीवन श्रन्गार हो जाए।
नज़दीक होकर भी मेरे करीब नहीं तू, तुझ बिन अब कुछ मान्गू नहीं अब मैं।
लगता है अब मौसम एक कहानी हो गया है, तू मुझमे ज़ाफ़रानी हो गया है।
चाह कर भी तेरा हो रहा था मैं, तुझे भूल कर उसका हो रहा था मै।
क्यूँ चोट लगी है मेरे दिल को समझ नहीं आता अब कुछ।
वो कहता है मुझे और मैं उसे सुनता रहता हूँ, मैं चाँद हूँ उसका और वो मेरी चान्दनी, यही कहता रहता है वो।
आवाज़ लगाओगे जब तुम तो सब तेरा हो जाएगा, शमा तुझे पुकारेगा और तू मेरा हो जाएगा।
क्या है अथक कहानी का दिन, क्या है मेरी परछाई, तू है मेरा और तू है मेरी रानी।
जवाब उसका था उत्तर मैं, कहानी उसकी थी और किरदार मैं।
अफ़सोस नहीं की मुझे नादाँ समझ बैठी, अच्छा हुआ वो मुझे इंसान समझ बैठी।
दिल के हर दरवाज़े पर उसकी तस्वीर लगा के रखता हूँ, वो मेरी है ये सबको बताता फिरता हूँ।
सुकून है की वो मुझे नही समझती, गर समझती तो मुश्किल होता जीना।
दिल की गहराइयाँ बहुत थी, अच्छा हुआ तू झांक के चली गयी, वर्ना इसमें कूदती तो डूब जाती।
क्यों कहते हो बेवफा मुझे, तुम्हारी वफ़ा कमज़ोर पड़ गयी क्या।
हम तुमसे हैं तुम हमसे, क्या हुआ गर ज़माना हमारा नहीं।
ये रंजो गम अब सहा नहीं जाता, अब दूर तुझसे रहा नहीं जाता।
खूब हलचल है फिजाओं में कहीं, मुझे बेनकाब करने का ईरादा तो नहीं।
क्या खूब कहा है किसी ने कि आंख नम थी और गहरे रहे थे, जो वो जख्म मेरे थे और मरहम लगा रहे थे वो।
जान समझना था अपना उसे मुझे वो बेजान समझ बैठी, एक चलते फ़िरते इंसान को नादान समझ बैठी।
मैं लोगों से मुखातिब जल्दी नहीं होता, गर होता हूँ तब या तो दिल लगा बैठता हूँ या दिल दे बैठता हूँ।
मेरे चरित्र पर कब तक कीचड़ उछालोगे, कभी तो छींटा तुम्हारे ऊपर भीआएगा।
खून उबलता तो मेरा भी है असर, खानदानी जो है।
सब हारने का जश्न मना रहे थे, हम अपने जीतने का समाचार देकर शोक फ़ैला गए।
रिश्ते गहरे हैं अपने, इन्हें किसी किनारे की जरूरत नहीं, इनमे डूब जाना ही बेहतर है।
मेरे लिखे हुए अल्फ़ाज़ समझ नहीं सके, तो मुझे क्या खाक समझोगे।
केवल बाज़ार में सामान के ही भाव नहीं बढ़ते, वक्त आने पर इंसान के भाव भी बढ़ जाते हैं।
हम मुकद्दर के सिकन्दर हैं जनाब, ऐसे जवाब नहीं देंगे, वक्त आने पर पूरा हिसाब करेंगे।
तसल्ली खुद को देते फ़िरते हो, खुद को भी देना वक्त सुधर जाएगा।
मेरी बुराई दूसरो से करते हो, मुझे सुधर जाने कि दुआ करते हो, इतना ही ख्याल है मेरा, तो मेरी बुराई मुझसे किया करो।
मुझे तो गैरों ने आबाद किया है, अपनों ने तो बस बर्बाद किया है।
मैं बैठा था ये सोच कर की चल अब तेरे सिवा कुछ और सोचते हैं, पर सोचने की शुरुआत ही तुझसे हो गई।
एक सफ़र में था मैं तन्हा, तेरे प्यार ने मुझे आवारा बना दिया।
वो हार चुका था जंग एक, तेरे साथ ने उसे सिकन्दर बना दिया।
क्यों खोए रहते हो यूँही बैठे तन्हा, थोड़ा वक्त को वक्त दो देखना वक्त तुम्हे खुश रखेगा।
ज़माने के रंग में एक बहते हुए राही को किनारा मिलने की चाह ही उसे मुकद्दर का सिकन्दर बनाती है।
जीवन को जीना है तो हंसते हुए जियो, जीवन आसान लगेगा।
ये आज का जीवन है, यहाँ शान्त बैठोगे तो पीछे रह जाओगे, वक्त के साथ दौड़ना सीखो।
जीवन का एक सच्ची पूँजी है ईमानदारी।
तुम्हारे अंदर गुण अच्छे होने चाहिए, तुम्हारा जीवन खुद ब खुद अच्छा हो जाएगा।
देर से ही सहि तुझे मेरी याद तो आई, दिल तेरा भी पिघला इसी बहाने तेरी आंख भी भर आई।
रिश्तों की अहमियत को समझते नहीं, क्यों तुम हमसे बात करते नहीं।
अंजान लगते हो मुझे अब तुम, मुझसे दूर जाने का ईरादा है क्या?
कहीं और जा रही है मोहब्बत मेरी तुझसे दूर कहीं मेरी बात करने।
अपने दिल कि सुनने वाले लोग दिल के साफ़ होते हैं।
लगता है अब एक बार फ़िर रूठ गए हो तुम अब फ़िर मेरी होने का ईरादा लगता है।
जाने क्यों ख्वाब हमारे टूट जा रहे जाने कैसे मैं तुझसे रूठ जा रहा।
अलग सी है तेरी ख्वाहिश अब लगता है मेरे बिना इसका जी नहीं लगता।
कहाँ गुज़र रही है तेरी शाम अब हर शाम मुझसे मेरी उम्मीद पून्छती है।
हर ख्वाब तेरा मेरे पास है ये ख्वाब मेरे बिना अधूरा है।
जीकर तेरे बगैर सांस भी अब आराम से नहीं है, इसका भी दिल इसके बिना नहीं लगता।
सारे इरादे तेरे करीब से देखे हैं मैंने, हर एक मंज़र तेरा मुझमे शामिल दिख रहा।
बहुत हुआ तुझे मनाना, अब तू चाहे तो रूठ सकती है हमेशा के लिए मुझे फ़र्क नहीं पड़ने वाला।
कब से करीब तेरे अपनी एक ख्वाबों कि दुनिया बसा रखी है, अब इसके बिना मैं अधूरा सा हुआ हूँ।
जा कहाँ रहे हो, अब तुझसे मैं कहिं दूर थोड़े न जा रहा, तेरे सपनो को पूरा करने गया था।
आज कल फिर मैं चलते-चलते खो जाता हूँ, तेरी याद जो अचानक से आ जाती है।
तेरी हर उम्मीद मेरे आने के इंतजार में है, और मैं अभी तक घर से निकला भी नहीं हूँ।
मुझे यह जानते हुए खुशी होती है कि मैं तुम्हारी जान हूँ।
आज कल एक दिन छोटा पड़ जाता है, तुझे मनाने के लिए; तुझे तो हर घड़ी मनाने का मन करता है।
फिर से शराब की लत मुझे अब ज्यादा लगी है, जैसे तू मेरे साथ नहीं है।
दिल का हिसाब बड़ा लंबा हो चुका है, तुम मुझे व्याज देने में ही थका दो, जितना मैं अब तक तुम्हें मूल देने में थक चुका हूँ।
आज कल की खबरों से तो ऐसा लगता है कि सभी अपने ही अंदर परेशान हो गए हैं।
राहों में चलता जा रहा हूँ, जहां कांटे-कांटे हैं, लेकिन इन विरल राहों में भी मैं फूल ढूंढ रहा हूँ।
यह तेरी विरल कथा है जो मुझे उलझाती जा रही है, तेरी कहानी से मुझे हर पल सताती जा रही है।
लोग क्यों अपनी तरह के ख्वाब चुनते हैं, दूसरों के भी चुनो, कम से कम अनुभव तो अच्छा मिलेगा।
जाने क्यों खामोश है, वो अब दिल भी मेरा उन्ही के पास है, जो।
रहने लगा हूँ उनके करीब, अब जाने क्यों नशा सा हो गया है, अब।
ख्याल उसका करो, जो तुम्हारा हो, उसका नहीं जो तुमसे परे हो।
पहचान कर रखना उसकी तस्वीर को, वो कभी कभी बदल जाते हैं।
जिक्र करता रहा उनका, मैं वो आते ही मुझसे पूछने लगे कि आप कौन?
कई दिन हो गए हैं उनकी याद में खोए, बस उनसे हुस्न का मिलाप ही करना था।
कत्ल की बात करते करते, वो मुझसे मोहब्बत का गुनाह कर बैठे।
नज़दीक हो या दूर, फ़र्क नहीं पड़ता, बस जहाँ भी रहो, मेरे दिल के करीब रहना।
आशिकी उनसे थी, वो उनके हुस्न से नहीं, इसलिए उनकी तारीफ नहीं कि कभी मैंने।
बहुत सुकून था उनमें, वो पता नहीं क्यों मुझे गलत समझ बैठे।
बहुत सुकून है अब यहाँ बस मुझे बेजान मत करना।
बहुत दिन हुए उनसे मिले अब उनसे मिलने का मन होता है अब दिल टूट जाने का मन होता है।
जाकर उनके लिए मै वहां बदनाम हो गया उनके लिए मैं तबाह हो गया।
कैसे ये दिन बीतेगा मैं अब उनका और वो उनके हो गया।
जाकर करीब उनके मैं उनसे दूर हो गया और करीब गया होता तो बर्बाद हो गया होता।
तुम हमसे हम तुमसे हो गए वो हमारे न हुए तोक्या हम तुम्हारे हो गए।
तन्हा गुज़र रहा था मैं अब उनके आने से बर्बाद हो गया।
जीकर क्या करें जब अब तन्हाई मेरी मुझसे सवाल करने लगी है।
आउन्गा तेरे पास भी सब्र टूटने का इंतजार कर रहा हूँ।
ख्याल किसका रखे खुद का या खुद के लफ़्जो का।
जाकर उससे दूर, उसके करीब आ गया और बहुत आसानी से उसके दिल में समा गया।
प्यार का हिस्सा है इतना कि वह मेरा बन गया है, एक किस्सा।
अब तक तुम्हारी याद में था, अब उनकी सुकून में जी रहा हूँ।
लाख बहाने करके वह गुज़र गया, ज़ज़्बात में बस उनकी याद में हम पागल हुए पड़े हैं।
जाने कहाँ ऐसा ज़ज़्बात खो गया, मैं उसका हो गया, वह मेरा हो गया।
दिल का वह हाल है जो पहले कभी न था, आज के मौसम जैसा कभी मौसम नहीं था।
नाहक मैं उनके करीब था, अगर खुद के करीब होता तो इंसान बन गया था।
लगभग मैं उनके करीब था, दूर हुआ तो अजीब सा सुकून मिला।
कैसे-कैसे लोग हैं, अपनों को दूर और गैरों को करीब रखते हैं।
मंजिल का एक अजीब सा रूतबा है, दूसरों के लिए नहीं, खुद की खुद्दारी में रहता है।
बहुत दिन हुए हैं राहत की बातें की अब राहत के लिए पीना पड़ता है।
सरकार बहुत आई, बहुत गई, बस एक आस थी समाज को सुधार जाने की, वह आज भी कायम है।
इज्जत का सवाल था, वरना मैं दौलत ही कमाता।
लगभग जी रहा था मैं उनके बिना, मैं जीना भूल गया।
भूल गया था मैं ज़िन्दगी का उसूल, बस वह आए और ज़िन्दगी का नया तरीका सीख लिया मैंने।