"कुछ महीने गुज़रे फिर इनका भी मुझ से दिल भर गया, लोगों ने भी हमसे पूछा, 'और कहां है वो आजकल ?', हमने भी पूछा, 'अच्छा वो, वो तो कब का मेरे दिल से निकल गया।"
"कुछ महीने गुज़रे फिर इनका भी मुझ से दिल भर गया, लोगों ने भी हमसे पूछा, 'और कहां है वो आजकल ?', हमने भी पूछा, 'अच्छा वो, वो तो कब का मेरे दिल से निकल गया।"
"आज कल मैं कागज़ के फूलों में खुशबू ढूंढता हूँ, दीवारों को अपना दर्द सुनाता हूँ, इस भीड़ वाली शहर में तन्हा ही घुमा करता हूँ।"
"हर एक चेहरे में तुझको ही ढूंढते है, आजकल अनजान राहों पर खुद को पाते है, ना जाने क्यों हर घड़ी खुद को तन्हा पाते है।"
New Daily Quotes
"हमारी ज़िंदगी मैं आ कर हमें कुछ यूँ सताते है, पहले पास आते है फिर हमें बर्बाद कर के जाते है।"
"हमारी शादी में पूरी बारात उनकी बस्ती में क्या ठहरे, ख्वाब भी सब को पसंदीदा आ रहे थे। बगैर पूछे बिहाये गए थे हम दोनों, इसीलिए रिश्तों में ना वो ठहरे और ना हम ठहरे।"
"जो हमारे साथ मिल कर दुनिया बदलने चले थे, कैसे उनहोंने सबसे पहले हमें किसी और के साथ बदला।"
"हम उनके लिए अपने आप को क्या ज़माना तक बदलने के लिए तैयार थे, लेकिन हमें क्या पता था की वो हमारी जगह किसी और को बदल लेंगे।"
"बड़े मुश्किल सफर को पार कर के यहाँ तक पहुंचे है, कुछ साल पहले निकले थे, अब जा कर यहाँ तक पहुंचे है। जब तक वो साथ रहीं, पी बस हमने उनकी आँखों से, हाल ही में वो गई अब जाकर हाथ जाम तक पहुंचे हैं।"
"हर सवालों का जवाब कैसे लिखूं। तेरे बिना वक्त कैसे काट रहा हूँ, उसका हिसाब कैसे लिखूं। तू ही बता तेरे नाम के आगे बेवफा कैसे लिखूं।"
"जिसे मैं अनमोल समझता था दुनिया के मेले में, उन्होंने हमारा ही दाम लगा दिया बाजार के मेले में।"
"जितने लोग उतने ख्याल, सही गलत सब का बुरा हाल। आज क्या करते, कल क्या करोगे, जो भी मिलता है सब का एक ही सवाल।"
"तुम इश्क़ करो और दर्द ना हो, क्या बात करते हो साहब, तुम उधार लो, और कर्ज ना हो।"
"हमारी तुम्हारी मानों ऐसी कहानी, जो समझ सको तो आंसू, जो ना समझ पाया तो पानी।"
"कुछ इस कदर कटा हूँ मैं, की अपनों में ही बटा हुआ हूँ मैं।"
"क्या लिखूं तुम्हें, अपने दिल का हाल लिखूं, या दिल में जो चल रही है वो सवाल लिखूं, तुम्हीं बताओ स्याही से लिखूं या अपने खून से लिखूं।"
दर्द दे रहे थे मुझे वो, मैंने प्रेम समझ के स्वीकार कर लिया।
कुछ सपने एक जैसे नहीं होते, उन्हें पूरा करने को वक्त लगता है।
बहुत मजबूत था हमारा रिश्ता, कच्चे धागे जैसा आसानी से टूट गया।
खोखले चाय की प्याली समझ के तोड़ गए वो, मुझे अकेला छोड़ गए वो।
हर लम्हा तेरे न होने का दर्द सताता है फिर लगताहै ये फ़िक्र बेवजह है।
मैं परेशान रहता हूं कभी ये सोचके की कोई जान ना पाए मेरा दर्द, और कभी ये की काश कोई जानने वाला होता।
दुनिया इतनी बड़ी है गर तुम्हे दगा ही देना था तो पहले बता देते, हम किसी और से दिल लगा लेते।
मुझे तुझपे भरोसा था ये मेरी गलती थी, मैं अंधेरे मे था या रखा गया इसका अब कोई शिकवा नहीं।
बहुत चोट लगी है ये बता रहा था उसे, उसने पूरा बदन देख डाला सिवाय दिल के।
वो कहीं और दिल लगा बैठा, मुझसे सच बोलकर झूठ बोलता तो मेरी बाँहो में होता।
उसने Msg किया के तुम मुझे पसंद हो, मैंने हंसकर कहा देखो ये फ़िर मुझसे खेलने आई है।
मेरा कसूर नहीं था कुछ फ़िर भी सजा पाई थी, बिन कुछ किए दर्द मैने पाई थी।
मैं अब बचा ही नहीं कुछ तोड़ के गई थी तुम, वैसे हि टूटा पड़ा था मैं, सब कुचलते हुए चले गए अब बचा नहीं कुछ।
वो छोड़ गए मुझे इस बात का गम नहीं मुझे, मझधार में डूबा के गए इसका अफ़सोस जरुर होगा।
मेरी फ़ितरत नहीं कि मैं दिल दुखाता फ़िरूं, वो तो आप थे जो मेरे प्यार को दर्द समझ बैठे।
हर दिन दिल बहलाने में लगा रहा मैं और वो मुझे बेसहारा करके चले गए।
अक्सर चुल्हे की रोटी याद आ जाती है, माँ घर से दूर, तुझे बहुत याद आती है।
सुकून तो गाँव में था, इस शहर ने तो केवल दर्द दिया।
आईना भी अब मुझे जालिम कहने लगा है, मुझे दर्द में देखके।
उसने पूछा, "कैसे हो?" मैंने कहा, "टूटा हुआ हूँ, न इसलिए दर्द में हूँ।"
अंत आने पर सब ठीक हो जाता है, बस अफ़सोस शुरुआत का होता है।
तुमने सपने तोड़े हैं मेरे, मैं लौटूंगा तो दर्द बहुत होगा आपको।
अंत तक आते आते सब सही हो जाएगा, बस वक्त का तगाजा है।
एक वक्त था जब वक्त कम पड़ जाता था, पर हम तुम बातें लगातार करते जाते हैं।
मौत का डर नहीं है, बस जीने में कोई कमी न रह जाए।
सपनों का क्या, ये आते-जाते हैं, बस हकीकत में कभी हार मत मानना।
उसने देर से मुझे याद किया है, आजकल वो मुझे देर से समझ पाते हैं।
थोड़ा वक्त लो, खुद को संभालने का, वरना वक्त तुम्हें पीछे छोड़ देगा।
हंसना मुझे नहीं आता, जब से वो मुझे छोड़ के गई है, मुझे सही से रोना भी नहीं आता।
बहुत दिन हो गए, अब उनसे दूर हुए, लगता है अब मुझे रूठना भी उनका गुरूर लगता है।
साथ देने का वादा किया था, बीच रास्ते हाथ छोड़ के चले गए।
हद में रहोगे तो ज़िन्दगी सुकून भरी रहेगी, वरना ठोकर खाने को तैयार रहना।
दिल दुखाने का अच्छा तरीका है, हर ज़िद तेरी मुझे सुकून दे जाती है।
तुम खामोश क्यों हो, ये सवाल था मेरा, और इस बार भी, तुम मुझे चुप कराके चली गई।
अब तेरा ज़िक्र नहीं करता, अब कैद हूँ, खुद के ज़िज्बात लेकर।