"चाय फीकी पर जाती है, तुम्हारी मीठी बातों के सामने I"
"चाय फीकी पर जाती है, तुम्हारी मीठी बातों के सामने I"
"वो सुबह भी क्या मस्त होगी, जब आप साथ होंगी और हाथों में चाय होगी II "
"कोशिश बहुत कर के देख ली, एक तुम्हारी आदत और दूसरी चाय छुट्टी ही नहीं I"
New Daily Quotes
"ज़िंदगी वही इस दुनियां में जीतें है, जो बुढ़ापे में भी अपने दोस्तों के साथ चाय पीते है II"
"अगर तीन वक्त की चाय तुम पिला दो, तो दो वक्त की रोटी मैं खिला दूँ II"
"वक्त लगती है कड़क चाय और अच्छे रिश्ते बनने में I"
"अकसर चाय की टेबल पर कुछ तमन्नाएँ रह जाती है, प्याली तो छू जाती है, लेकिन केतली वही पड़ी रह जाती है II"
"कड़क चाय का मज़ा, कड़ाके की ठंड में ही आती है II"
"हम तुम में ऐसे घुलना चाहते है, जैसे चाय में बिस्कुट गुलती है I"
"कुछ और ना बताइये, चाय का लुफ्त उठाइये II"
"चाय दुकान की बातें, मयखाने से कई बेहतर होती है I"
"धोखा के बाद चाय ही ऐसी चीज है जिससे आँखें खुलती है I"
"दाग लग ही जाता है, चाहे चाय गिरे या चलित्र I"
"बेवक्त बारिश का आ जाना, तुम्हारा हम से चाय पर मिलने का बहाना, हमें बड़ा पसंद आता है II"
"कभी अपने लिए भी जी लो, थोड़ा वक्त निकालो और मेरे साथ चाय पर कभी तो चलो II"
"ज़िंदगी की चाय को अगर अच्छी बनानी है, तो मेहनत की आंच पर थोड़ा पकने दो II"
"चाय में उबाल और ज़िंदगी में बवाल ना हो तो जीने में मज़ा ना हो II"
"सब कहते है चाय सेहत के लिए अच्छी नहीं। हम कहते है वो मुहब्बत ही क्या जो थोड़ी बदनाम ना हो II"
"सफर का मज़ा तब आता है जब सफर में चाय अच्छी मिले II"
"कुछ यूँ अंगारों की तपिश से पकती है, ये चाय है साहब फरमाइश से पकती है। "
"चाय का चस्का सबसे लज़ीज़ है, इसके सामने सब कुछ फीका पड़ जाय ऐसी ये चीज है II"
"आपकी बातें भी रेशमी हवा सी है, मेरी चाय सिर्फ चाय नहीं मेरे लिए दवा सी है II"
"जितनी नफरत हमें जाम से है, उतनी ही मुहब्बत हमें चाय से है II"
"हमारे पास हर एक बीमारी का एक ही इलाज होता है, दवा के नाम पर सिर्फ चाय होती है II"
चाय क्या है ये तो नहीं बता सकता, पर इसके लिए जज़्बात खुद ब खुद बयाँ हो जाते हैं।
सुबह गर एक चाय हाथ में हो तो सुबह लाजवाब हो जाती है।
क्या बात है उसकी हाथ में, वो गर चाय का कुल्हड़ भी छूले तो चाय से इश्क हो जाता है।
उसने कहा की आज सुबह से मन नहीं हो रहा कुछ करने का, तभी मैने चाय का ज़िक्र कर दिया, पूरी वादी ही मनमोहक हो गई।
देखो चाय रखी है Table पे, अब अखबार भी लेते आओ, और ये छुट्टी का दिन है, चलो अब उसकी याद लेकर आओ।
घर से दूर ये गलियां मुझे अंधेरे में डराती हैं, पर इस गली के नुक्कड़ पे चाय और दोस्त मुझे सुकून देजाते हैं।
ये चाय की एक घूँट के बाद जो तेरी याद आती है, उसके बाद ये चाय भी ठन्डी हो जाती है।
बस चले तो तेरे किचन में अपना आसियान बना लूं, ताकी हर रोज़ सुबह तेरी चाय में इश्क थोड़ा मिला दूं।
ये चाय में कैसा नशा है, हर बार पीकर तेरी याद में खो जाता हूं।
उसने कहा मुझे चाय बनाना नहीं आता, मैंने कहा बनाना तो आता है ना, तो बस पी भर लेना।
हाथ में चाय का कुल्हड़ और सर्दी की रात का मजा हि कुछ और है।
ये चाय का चस्का भी गजब का है, एक घूंट में सारे गम मिटा देता है।
तुम तो ठंड का मजा क्या जानो, हमसे पूछो ठंड में गरम चाय का मजा।
मैं सो रहा था वो मुझे उठाने आई थी, मैने कहा अकेले आई हो या चाय भी है साथ मै।
धीमी आंच में पकी हुई चाय का मजा हि कुछ और है।
एक घूंट चाय की हो, और साथ में तुम हो, तो उस लम्हे को कैद कर लूं मैं हमेशा के लिए।
ये इश्क का तलब नहीं है जनाब, जो न मिलने पर भूल जाए, ये चाय की तलब है जो मुझे परेशान कर देती है।
तुम्हें होगा शराब का नशा, हमें तो चाय ने ही मदहोश कर रखा है।
ये एक कप चाय की कीमत ज्यादा नहीं है, पर इस एक कप पे लाखों कुर्बान है।
ये चाय तो मीठा है, पर तुम्हारे होंठों से ज्यादा नहीं।