
"वो औकात कैसी, जो बतानी पड़े ??"
"वो औकात कैसी, जो बतानी पड़े ??"
"लोग आपकी औकात का अंदाजा आपकी बात से नहीं व्यवहार से लगाते है I"
"मेरी औकात का तुम अंदाजा लगा सको, इतनी तो तुम्हारी औकात नहीं I"
"इज्जत कमाइए, हैसियत खुद ब खुद बढ़ती चली जाएगी I"
"औकात बड़ी दिखाओगे, तो आपको कभी सच्चे लोग नहीं मिलेंगे I"
"औकात लोगों को बड़ा बनती है, अच्छा तो उनके संस्कार ही बनाती है I"
"अपनी औकात को रीड की हड्डी के सामान लचीनी और मजबूत रखिए I"
"अपने रिश्तों और दोस्तों के बीच कभी औकात की दिवार मत आने दीजिए I"
"औकात बस इतनी सी रखिये की सामने वाला आपकी औकात दिखाने से पहले खुद की औकात देख ले I"
"औकात तो लोगों को डरा कर भी बानाय जा सकता है, इज्जत कमाने के लिए प्यार बाँटना पड़ता है I"
"अपने से छोटों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार बड़ी औकात वाले ही कर सकते है I"
"किसी को नीचा दिखाना, छोटी औकात होने की सबसे बड़ी पहचान है I "
"औकात जब छोटी हो तभी लोग दिखाया करते है, बड़ी औकात वालों की तो मिशाल दी जाती है I "
"इंसान की दो औकात होती है - एक जिसके साथ वो पैदा होता है, दूसरी जो वो खुद बनता है I"
"अपने आत्म- सम्मान को बनाये रखना ही आपकी बड़ी औकात की पहचान है I"
"बड़ी औकात के बुते मिली "पहचान" विरासत में मिलती है, अपनी पहचान के बूते "बड़ी औकात" बनाना कर्मवीरों का काम है I"
"अपनी बड़ी औकात से किसी के आत्म-सम्मान को कभी ठेस न पहुचायें, यही आपकी बड़ी औकात की श्रेष्ठा साबित करेगी I "
"अक्सर ही यहाँ लोगों की बड़ी - बड़ी बातें, उनकी छोटी औकात दिखा जाती है I"
"आत्म- सम्मान ऊँची रखेंगे, तो अक्सर ही बड़ी औकात वाले भी आपके सामने झुक जाएंगे I"
"छोटी औकात वालों के सामने अपनी बड़ी औकात का प्रदर्शन कर के अपनी ही औकात गिराते है I"
"तौलना ही हो तो लोगों को व्यवहार के ताराजू में तौलें, दौलत या औकात के तराजू में नहीं I"
"गलतफहमी में है कुछ लोग यहाँ, विरासत में मिली दौलत को बड़ी औकात समझ बैठे है I"
"आपका आत्मविश्वास ही आपके भविष्य के औकात का नींव रखता है I"
"भ्रम में भी रहते है कुछ लोग यहाँ, आत्म- सम्मान के नाम पर दिखावा अपनी औकात का कर रहे होते है I"
"बड़ी - बड़ी बात और छोटी औकात वालों से जितना हो सके दूर रहें I"
"आपके चरित्र से आपकी श्रेष्ठ झलकती है, दौलत या औकात से नहीं I"
"कहेंगे कुछ लोग कभी के औकात दिखा दी तुमने, कहिएगा उनसे के नजरिया है ये तुम्हारा, मैंने तो बस अपना आत्म - सम्मान बचाया है I "
"औकात की अकड़ में कभी मत रहना टूट गया कभी अगर तो, बिखर जाओगे तुम !!"
"बात तो औकात की ही थी, हमने मुहाब्बत की और तुमने बेवफाई की !!"
"है किसकी बड़ी औकात यहां हिस्से में सबके, जब वही दो गज जमीन है !!"