
"फासले इतने नहीं होते, अगर पहले ही फैसला किया होता I"
"फासले इतने नहीं होते, अगर पहले ही फैसला किया होता I"
"जिसको अपना समझा उसने कभी समझा ही नहीं, वो नासमझ मुझे समझदार बना गई I"
"तो तेरी तलब की वजह से हासिल हुई है, वो तुझे हासिल कर के हासिल नहीं हो पाती I"
"झूल रहा है घुटन का झूला, तन्हाई के बगीचों में I"
"महसूस करता हूँ उस हवाओं को, आज भी जिससे तेरी खुशबू आती है I"
"सोचता हूँ उन्हें भी रुला दू किसी बात पर, जिसने हमे रुलाया बिना किसी बात पर I"
"धुंधली - धुंधली सी पड़ गई है हर वो याद जो तुमसे जुड़ी थी पर भुला नहीं पाया हूँ हर बात जो तुमने कही थी I"
"तकलीफ ये नहीं है की वो चली गई, तकलीफ ये है की जाने के बाद भी वो मुझ में ही बसी रही I"
"दर्द जो मेरे पास है, वो बेहिसाब है I"
"वादा किया था की चलेंगे उम्र भर मेरी राहों में, कुछ दूर चले फिर किसी और से मिल गए राहों में, हम आज भी ढूंढा करते है उन्हें हजारों में, पूरी ज़िंदगी बिता दी हमने उनके ख्यालों में I"
"सूरज ने दिन की चादर क्या उतारी, चांदनी ने तेरी याद कुछ इस कदर दिला दी I"
"आदतें आज भी वही है जो तुझे ना मंजूर थी, लेकिन जब तुझ पर कुछ लिखता हूँ, थोड़ी तारीफें हो जाती है इस मजबूर की I"
"तेरी यादों को भी बहा दिया तेरी कुछ चीजों के साथ I"
"तुम्हारे बिना भी जीना सीख लिया हमने कुछ अंदाज से खुश नजर अंदाज से I"
"गुजारी हमने हर एक पल तुम्हारे साथ ही, तुम्हारे बाद भी I"
"साथ उनके बैठने की काबिलियत अब रही नहीं हम में, इसलिए दूर से ही खैरियत पूछ लिया करते है !!"
"अगर तुम सांस टूटते देखो तो मैं जहर भी पी लूँ ख़ुशी से I"
"उससे झगड़ के लौटा हूँ, खुद से लड़ना बांकी है II"
"कभी कभी सोचता हूँ मुकद्दर के पैरों पर भी महरम लगा दूँ, थोड़ी चोट तो उसे भी आई होगी मेरे ख्याबों पर लात मार के II"
"दिल में जो दर्द है, उसका कोई हल नहीं है !!"
"दिलों की शोर सुनाई देती है, जब भी हम दोनों ख़ामोशी से गुजर जाते एक दूसरे के करीब से II "
"कभी कान लगाकर सुनो, ख़ामोशी भी बहुत कुछ कहती है I"
"वो जीत कर भी पछता रही है, कुछ इस तरह हम हार गए II"
"उसने नज़र अंदाज किया अपने हिसाब से, जब हम करेंगे तो बेहिसाब करेंगे II"
"बड़ी सिर चढ़ी है तेरी यादें, बिना पूछे चली आती है I"
जो रिश्ते दिल से होते है,
दर्द भी उन्हीं को सबसे ज्यादा मिलता है I
नींद से कोई शिकायत नहीं जो आती नहीं,
कसूरवार तो वो चेहरा है, जो सोने नहीं देती II
तुम्हारे जाने के बाद अब हम लफ्जों के एक एक जायके चख के परोसते है,
ना जाने कौन कब कहाँ खफा हो जाय II
तुम्हारे दिए हुए जख्म को तमाशा ना बनाने दिया,
कुछ इस तरह छुपा के रखा है अपने अंदर I
अंदर के शोर की वजह से
अपने अकेलेपन से डरता हूँ I
हमारी तुम्हारी बीच के अल्फाजों को समझने के लिए एहसास चाहिए जो सब के पास होती नहीं है I
अकसर पुरानी तमन्नायें
आँखों से बह जाया करती है I
जाने वालों को बस एक ही
बहाने की तलाश होती है I
नमक की तरह उसने भी,
जरूरत के अनुसार इस्तेमाल कर के छोड़ दिया I
मोहब्बत पाने के लिए सुकून गिरवी रखनी पड़ती है I
बहुत ईमानदार सी लगती है तन्हाई, कभी परख के देखो I
ये जो सुकून है तुम्हारे पास बहुत ज्यादा है,
औरों के पास बहुत कम है II
तुम्हारे बाद खामोशी और
तन्हाई से ही हमने प्यार किया II
जुबान खामोश हो जाती है जब
अक्ल जवान होती है II
खामोशी की सबसे बड़ी वजह दर्द होती है I